"यह एक बेहद दिलचस्प तथ्य है कि आज़ादी के बाद #ScindiaFamily, #NehruFamily से भी ज्यादा समय तक राजनीति में हिस्सेदार रहने वाला परिवार है. लोग यही समझते हैं कि देश में नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता को पकड़े रखा लेकिन सिंधिया का जुड़ाव ज़्यादा लम्बा है."<br /><br />यह बात पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक #RasheedKidwai ने अतुल चौरसिया को बताई. इस बातचीत में उन्होंने अपनी नई किताब 'द हाउस ऑफ़ सिंधियाज- ए सागा ऑफ़ पावर, पॉलिटिक्स एंड एन्ट्रीग' और सिंधिया परिवार से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां साझा की.<br /><br />राजमाता के नाम से मशहूर विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया के संबंधों में तल्खी पर रशीद कहते हैं, "राजमाता नेपाल से आई थी. वो एक साधारण परिवार में रही. उन्होंने अंग्रेजी तालीम हासिल की थी. लखनऊ के कॉलेज से पढ़ाई की. लेकिन सर्वधर्म से वो थोड़ा दूर रही. वो केवल अपनी परम्परा अपनी आस्था के इर्द-गिर्द रही. लेकिन माधवराव सिंधिया पश्चिमी कल्चर के बीच रहे. उनकी परवरिश उसी माहौल में हुई. वो खुद को भाजपा या जनसंघ की राजनीति में फिट नहीं मानते थे. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और धीरे-धीरे मां-बेटे के संबंधों में तल्खी आती चली गई और वो एक दूसरे से दूर होते चले गए.”<br /><br />Subscribe to Newslaundry: https://www.newslaundry.com/subscription?ref=social<br /><br />Follow and engage with us on social media: <br />Facebook: https://www.facebook.com/NewslaundryHindi <br />Twitter: https://twitter.com/nlhindi <br />Instagram: https://www.instagram.com/newslaundryhindi/